saas-bahu-ki-majedar-kahani

सास बहू की मजेदार कहानी | Saas Bahu ki majedar kahani | कहानी 2

Spread the Gospel

दोस्तों आज हम पढेंगे और सुनेंगे Saas bahu ki majedar kahani इस Majedar Kahani में मोरल शिक्षा भी है यह कहानी सभी नई बहू और सास को अवश्य पढना या सुनना चाहिए तो आइये शुरू करते हैं सास बहु की अद्भुत कहानी.

Saas bahu ki majedar kahani | Majedar story in hindi

saas-bahu-ki-majedar-kahani
saas-bahu-ki-majedar-kahani Image by Gracini Studios from Pixabay

मध्यप्रदेश के शहडोल गाँव में मोतीलाल नाम के वैद्य थे जिनसे आस पास के कई गाँव के लोग दवाइयां लेने और अपना इलाज करवाने आते थे.

मतलब वे गाँव के बहुत प्रसिद्ध डॉक्टर थे. सभी उन्हें वैद्यजी कहकर पुकारते थे. उनकी इकलौती बेटी थी जो बड़ी ही सुन्दर थी एक प्रकार से वो पूरे गाँव की बेटी थी सभी उसे प्यार से पारो बुलाते थे.

उसे बचपन से ही कभी किसी चीज की कमी नहीं हुई थी बड़े ही नाजो में पली और बड़ी हुई थी पारो.

जब उसका विवाह पास के गाँव के तिवारी जी मतलब सरपंच के बेटे के साथ हुआ, तब पूरे गाँव को दावत दी गई थी.

सब कुछ बहुत ही बढ़िया हुआ था. लेकिन यह क्या एक ही माह के बाद वह लड़की अपने पिता जी के पास आकर फूट फूट कर रो रही थी.

सिसकियों के कारण वो कुछ बोल ही नहीं पा रही थी. पिता जी के बहुत पूछने पर उसने बहुत देर बाद बोलना शुरू किया और बोला…..

पिता जी मैं उस घर में फिर कभी नहीं जाउंगी मैं आप के पास ही रहूंगी…ऐसा बोलकर वो फिर जोर जोर से रोने लगी….

पिता जी समझदार थे उन्होने अपनी बेटी के सिर में हाथ फेरते हुए बोले कोई बात नहीं बेटा …..तू आराम कर हम बाद में बात करेगे.

और बेटी की माँ को इशारा करते हुए कहा इसे कुछ खाने को दो और सम्हालो. शाम को हालात को समझते हुए पिता ने पूछा

अब बताओ क्या हुआ ???? क्यों नहीं जाना चाहती हो अपने ससुराल??? बेटी ने बताया पिता जी मेरी वो सास सास नहीं दुश्मन है मेरी.

सुबह से शाम तक वो केवल मेरे ही पीछे पड़ी रहती है. पूरे गाँव में मेरी बदनामी कर रखी है.

वो हमेशा मुझे गालियाँ देती है और कहती है… तुझे यह नहीं आता तुझे वो नहीं आता… न जाने तेरे माँ बाप ने क्या सिखाया है.

वो अनपढ़ बुढ़िया मुझे सिखाना चाहती है. और तो और पिता जी घर के सारे लोग उसका ही कहना मानते हैं. पिता जी मैं साफ़ कहे देती हूँ उस घर में या तो वो बुढ़िया रहेगी या मैं ….

उसके साथ मैं एक पल भी नहीं रहना चाहती. पिता जी गुस्से से बोले हमने तो तुझे अच्छे संस्कार दिए हैं.

वो तुम्हारी माँ के समान है उनके लिए ऐसे शब्द मत बोलो… कुछ समय दो सब कुछ ठीक हो जाएगा. बेटी ने कहा पिता जी मैं एक शर्त में वहां वापस जाउंगी.

पिता ने कहा, वो शर्त क्या है….पिता जी आप तो इतने बड़े वैद्य हैं दवाओं और जड़ी बूटी के विषय में जानते हैं.

पिता जी सिर हिला कर हामी भर रहे थे…और बोले… तो….?? तो आप मुझे कुछ ऐसा जहर दो कि जिसे खाकर मेरी सास मर जाए क्योंकि मैं उसे किसी भी रीती से बर्दास्त नहीं कर सकती.

पिता जी मुस्कुराते हुए बोले बेटा ऐसे में तो तेरे ऊपर समस्या आ जाएगी उसके मरते ही पुलिस तुझे जेल भेज देगी…..बेटी ने भी थोड़ा सोचते हुए बोली हाँ यह तो मैं सोची ही नहीं.

पिता जी ने कहा, ठीक है मैं तुझे एक ऐसी दवा दूंगा कि उसे रोज एक पुडिया खाने में मिला कर दे देना लगभग दो महीने में कोई भी इसे थोड़ा थोड़ा खाकर मर सकता है.

इस पर कोई तुझ पर संदेह भी नहीं करेगा. और तेरा काम भी हो जाएगा. बेटी के तो जैसे आँखों में चमक आ गई…

और कहने लगी पापा आप कितने अच्छे हो. और मुझे क्या करना होगा. पिता जी ने कहा, और देख किसी को शक संदेह न हो इसलिए तु उनसे लड़ना नहीं. बड़े प्यार से रहना.

वो जो भी कहें उसे मान लेना क्योंकि वो दो ही महीने की मेहमान होगीं. बेटी ने सारी बातें ख़ुशी ख़ुशी मान ली.

और अपने पिता जी से दो महीने के हिसाब से 60 धीमे जहर की पुड़िया लेकर अपने ससुराल लौट आई. अब प्लानिग के हिसाब से रोज सासू माँ के खाने में एक पुडिया मिलाकर देना शुरू की.

और बड़े प्यार से घर में रहने लगी. अब सासू यदि गाली देती तो भी बहू पर कोई असर नहीं होता वो बहुत प्यार से जवाब देती.

लगातार एक माह तक बहु के अच्छे व्यवहार के कारण सास का भी मन बदलने लगा. अब वह अपनी बहु को गाली बकना बंद कर दी और उसे बिना बात के चिल्लाना भी कम कर दी.

बहु को भी लगने लगा अब तो कुछ ही दिन की मेहमान है मेरी सासू मां इसलिए उसकी और सेवा कर देती हूँ. इसलिए वह रात को सासू के पैर भी दबाने लगी और सिर पर तेल भी मल देती थी.

अब तो सासू माँ सारे गाँव में कहते नहीं थकती की बहू हो तो मेरी बहु जैसी…और वह अपनी बहु को अपनी बेटी से भी बढ़कर प्यार करने लगी.

उसे घर का सारा अधिकार और जेवर और सब कुछ सौंपने लगी. यह सब देखकर बहु के आँख में आंसू आ गए और वह अपनी सास को अपनी माँ के जैसे प्यार करने लगी.

और तभी उसके मन में एक डर समाने लगा और वह उसी दिन अपने गाँव मायके आई और अपने पिता से लिपटकर रोने लगी और कहने लगी पिता जी आप कुछ भी करो लेकिन मेरी माँ को बचा लो.

पिता जी ने कहा माँ को वो तो ठीक है सो रही है. बेटी ने कहा अरे मैं सासू मां के विषय में बोल रही हूँ…पिता जी ने कहा, क्यों क्या हुआ उनको….

बेटी ने याद दिलाया अरे पापा आपने जो जहर दिया था उसे खिलाते हुए एक माह से ज्यादा हो गया है 15 दिन बाद वो मर जाएंगी.

मुझसे बहुत बड़ा गुनाह हो गया. मैं अब उन्हें मारना नहीं चाहती आप कुछ भी कीजिए और उस जहर का तोड़ दीजिए…कुछ ऐसी दवा दीजिए ताकि उस जहर का असर खत्म हो जाए.

वो रोए जा रही थी और पिता जी जोर जोर से हँस रहे थे. बेटी को कुछ समझ नहीं आया पिता जी हँस क्यों रहे हैं. तब पिता जी ने कहा, बेटा चिंता मत कर उन्हें कुछ नहीं होगा.

मैं जानता था तेरा दिल बहुत अच्छा है तू किसी को मार नहीं सकती. मैंने जो पुड़िया तुझे दी थी वो तो काला नमक और जीरे का पावडर था. जो स्वास्थ के लिए लाभदायक है.

देख बेटा यह दुनिया ऐसी ही है हम जैसा इस दुनिया को देते हैं वैसा ही प्राप्त करते हैं. यदि हम दूसरों को नफरत देंगे तो नफरत ही पायेंगे.

यदि हम लोगों को प्रेम देंगे तो वापस प्रेम ही पायेंगे. बेटी चुपचाप खड़ी खड़ी आश्चर्य से अपने पापा की बुद्धिमानी भरी बातें सुन रही थी और आंसू बहा रही थी ये आंसू ख़ुशी के थे….

विश्वास करते हैं saas bahu ki majedar kahani आपको पसंद आई होगी कृपया अपने कमेन्ट अवश्य लिखें ताकि हम ऐसी ही और भी हिंदी कहानी लिख सकें.

दोस्तों यदि आप ऐसी हैं शिक्षाप्रद मजेदार कहानियां पढना चाहते हैं तो आप गूगल प्ले स्टोर में जाकर हिंदी बाइबिल स्टडी एप्प को डाउन लोड कर सकते हैं  

आप इस लिंक से उस लेख को पढ़ सकते हैं..जहाँ आप पाएंगे 10 मजेदार कहानियां और छोटे बच्चों को मजेदार कहानियां ये सभी दिलचस्प कहानियां बिलकुल फ्री हैं

कृपया यूटूब चेनल सबस्क्राइब करें …धन्यवाद

Related post जरुर पढ़ें

घर में सुख शान्ति और समृद्धि पाने के उपाय

20 बेहतरीन कहानियां

परमेश्वर की भेंट पर तीन अद्भुत कहानियां

यीशु कौन है

कभी हिम्मत न हारें

एक अच्छी पत्नी के 7 गुण

आज का बाइबिल वचन

सास बहु की मजेदार कहानी

saas-bahu-ki-majedar-kahani
पास्टर राजेश बावरिया (एक प्रेरक मसीही प्रचारक और बाइबल शिक्षक हैं)

Spread the Gospel

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
Scroll to Top