दोस्तों आज हम सीखेंगे कि पाम सन्डे क्यों मनाते हैं. Palm Sunday को खजूर रविवार या होसन्ना पर्व भी कहते हैं. जिसे मसीही लोग चालीस दिनों के उपवास के समय ईस्टर से पहले मनाते हैं.


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पाम सन्डे कब मनाया जाता है
पाम सन्डे ईस्टर और गुड फ्राइडे से पहले रविवार को मनाया जाता है. इससे खजूर रविवार भी कहा जाता है. जिसमें मसीही लोग जुलुस निकालते हैं और सभी मसीही बच्चे और बुजुर्ग लोग मिलकर हाथ में खजूर की डालियाँ लिए हुए एक साथ होसन्ना के गीत गाते हुए जुलुस में झाँकियों के साथ चलते हुए इस पाम सन्डे को मानते हैं.
पाम सन्डे क्यों मनाया जाता है | palm sunday kyu manaya jata hai
इस दिन लोगों ने यीशु का स्वागत खजूर की डालियों को लेकर उनके मार्ग में डाल कर स्वागत किया था, इस कारण इस दिन को पाम सन्डे या खजूर रविवार कहते हैं.
यीशु मसीह अपने जीवन में समय के पाबन्द थे. यह दिन किस रीति से यीशु के लिए महत्वपूर्ण था और हमारे लिए किस रीति से महत्वपूर्ण है.
यीशु मसीह के जीवन काल में उनके लिए की गई बहुत सी भविष्यवानियाँ पूरी हुई थी. यीशु मसीह का जन्म भी भविष्यवाणी का पुर्तिकरण था. उसी प्रकार पाम सन्डे भी भविष्यवाणी का पूर्तिकरण था.
संत पौलुस पुराने नियम को भली भाँती जानते थे इसलिए उन्होंने अपनी पत्रियों में इस बात का जिक्र किया कि यीशु मसीह भविष्यवाणी का पुर्तिकरण हैं.
स्वयं यीशु ने कहा, मैं भविष्यवाणियों को पूरा करने आया हूँ. और वे चाहते थे कि उनके जीवन काल में और उनके जीवन से प्रत्येक कार्य से कही गई भविष्यवानियाँ पूरी हों. शायद इसलिए वे हमेशा कहते थे मेरा समय अभी नहीं आया है.
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पाम सन्डे की भविष्यवाणी
"हे सिय्योन बहुत ही मगन हो। हे यरूशलेम जयजयकार कर! क्योंकि तेरा राजा तेरे पास आएगा; वह धर्मी और उद्धार पाया हुआ है, वह दीन है, और गदहे पर वरन गदही के बच्चे पर चढ़ा हुआ आएगा" जकर्याह 9:9
यीशु जानते थे कि यह भविष्यवाणी यीशु मसीह के लिए ही हुई है. और वे जानते थे की मेरी सेवकाई में और जीवन में यह भविष्यवाणी पूरी होगी.
प्रभु अपने जीवन के उद्देश्य को और बुलाहट को जानते थे. यीशु जानते थे इस संसार में उनका शारीरिक जीवन सीमित है. तो उसे ठीक समय में पूरा होना जरूरी है. प्रभु यीशु की योजना नए नियम में स्पष्ट है. कि वे किस उद्देश्य से इस धरती में आये थे.
प्रभु यीशु सर्वज्ञानी हैं
लूका 19:28 और जब वह जैतून नाम पहाड़ पर बैतफगे और बैतनियाह के पास पहुंचा, तो उस ने अपने चेलों में से दो को यह कहके भेजा. कि साम्हने के गांव में जाओ, और उस में पहुंचते ही एक गदही का बच्चा जिस पर कभी कोई सवार नहीं हुआ, बन्धा हुआ तुम्हें मिलेगा, उसे खोल कर लाओ.
और यदि कोई तुम से पूछे, कि क्यों खोलते हो, तो यह कह देना, कि प्रभु को इस का प्रयोजन है. यीशु ने इस भविष्यवाणी को पूरा करने के लिए स्वयं पहल की.
अनेक बार परमेश्वर की इच्छा को पूरा करने के लिए हमें स्वयं पहल करना चाहिए. यीशु अपने चेलों को भेजता है ताकि उस गधे के बच्चे को भविष्यवाणी को पूरा करने के लिए लेकर आया जाए.
वे सर्वज्ञानी हैं उन्हें पता था वहां गधे का बच्चा है, और उस गधे का मालिक क्या बोलेगा. प्रभु अपनी महिमा के लिए साधनों का उपयोग करते हैं.
धन्य है वह जो यहोवा के नाम से आता है! हम ने तुम को यहोवा के घर से आशीर्वाद दिया है. यहोवा ईश्वर है, और उसने हम को प्रकाश दिया है. (भजनसंहिता 118:26-27)
Conclusion
पाम सन्डे या खजूर रविवार एक विजयी यात्रा का प्रतीक है. मसीह लोग खजूर की डालियाँ लेकर चलते हैं. खजूर की डालियाँ भी एक विजय का चिन्ह है जिस प्रकार हम प्रकाशितवाक्य 7:9 में देखते हैं, इस के बाद मैं ने दृष्टि की, और देखो, हर एक जाति, और कुल, और लोग और भाषा में से एक ऐसी बड़ी भीड़, जिसे कोई गिन नहीं सकता था श्वेत वस्त्र पहिने, और अपने हाथों में खजूर की डालियां लिये हुए सिंहासन के साम्हने और मेम्ने के साम्हने खड़ी है. यह एक महान विजय को दर्शाता है.
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