सुसमाचार युवाओं को प्रचार कैसे करें?

हेलो दोस्तों आज हम सीखेंगे सुसमाचार युवाओं को प्रचार कैसे करें | जवानो के पास सुसमाचार के साथ पहुँचना बहुत जरूरी है क्योंकि भारत की कुल जनसंख्या का 75% 35 वर्ष की आयु से कम है जिनमें से बहुत जवान नशे में और बुरी बातों में जा रहे हैं. सुसमाचार ही एकमात्र तरीका है जिससे वे अपने जीवन का मूल्य समझ सकते है और देश के और परिवार के प्रति अच्छे नागरिक बन सकते हैं.
सुसमाचार युवाओं को सुनाना क्यों जरूरी है ?
युवा शक्ति देश की सबसे महत्वपूर्ण शक्ति है. बाइबल बताती है जैसे वीर के हाथ में तीर वैसे ही जवानी के लड़के होते हैं. आज के युवा कल के अगुवा हैं यहाँ तक कि देश की प्रगति और उन्नति युवाओं के ऊपर ही निर्भर है. शायद इसलिए संत पौलुस तीमुथियुस को हिदायद देते हुए कहते है विश्वास में प्रचार में, आचरण में और पवित्रता में विश्वासियों के लिए एक उदाहरण बन.
यदि हमारा युवा उन्नति करेगा तो पूरा समाज एवं पूरा देश उन्नति करेगा. “अपनी जवानी के दिनों में ही अपने सृजनहार को स्मरण करें इससे पहले की मुसीबत के दिन आएं. (सभोपदेशक 12:1,7) जवान अपनी चाल को किस उपाय से शुद्ध रखे? परमेश्वर के वचन के अनुसार सावधान रहने से.
युवाओं को समझना जरूरी है.
हमारे भारत में 13 से 30 वर्ष तक की आयु के लोगों को युवाओं की गिनती में रखा जा सकता है. जिसे दो भाग है एक तो टीनएजर्स 13-19 और यंगस्टर्स 20-30 वर्ष के. युवाओं की पसंद और नापसंद एवं मानसिकता आदि को समझना बहुत जरूरी है. युवाओं में बहुत ताकत और हिम्मत है. वे बड़ी से बड़ी उपलब्धियों को हासिल कर सकते हैं.
युवाओं को यीशु से कैसे मिलवाएंगे
युवाओं के अंदर बड़ी जिज्ञासा होती है उनके अंदर बहुत से प्रश्न होते हैं. और हर चुनौती को लेने के लिए तैयार रहते हैं. इसलिए ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए जिससे वे सही निर्णय लेने के लिए विचारशील हो सकें. उनके लिए संगीत के कार्यक्रमों के द्वारा उन्हें शामिल किया जा सकता है.
युवा प्रेम चाहते हैं और यह भी कि उन्हें स्वीकार किया जाए. अत: एक टीम के रूप में उनकी उन्नति के कार्यक्रम को आयोजित किया जाना चाहिए. जिसमें कुछ खेल एवं प्रश्नउत्तरी प्रतियोगिता भी समाहित हो.
युवाओं को सुसमाचार सुनाने के तरीके.
युवाओं के बीच लघु नाटिका ड्रामा स्किट आदि के जरिये सुसमाचार सूना सकते हैं. जिसमें बाइबल की कुछ घटनाओं के विषय में ड्रामा खेला जा सकता है और उसके द्वारा परमेश्वर के वचन को अथवा यीशु के चरित्र को दर्शाया जा सकता है.
हम छोटे शिविरों का आयोजन कर सकते हैं जिसके जरिये सवाल जवाब और सामूहिक खेलों के माध्यम से मनोरंजन के साथ साथ वचन प्रचार किया जा सकता है. हम उनके अध्ययन में एवं जीवन के कठिन परिस्थिति में निर्णय लेने में मदद करके भी सहायता कर सकते हैं.
युवाओं तक पहुँचने के लिए सहायता.
- हम खेल और खेल उपकरणों के माध्यम से युवाओं तक पहुँच सकते हैं.
- हम उन्हें संगीत वाद्ययंत्र बजाना सिखा सकते हैं
- उन्हें नाटक में भाग लेने का अवसर दे सकते है.
- हम उन्हें मुफ्त में ट्यूशन दे सकते हैं.
- उनके साथ क्रिकेट और फुटवाल खेलकर.
- हम सामजिक कल्याण गतिविधियों को करने के लिए एक टीम के रूप में उनका उपयोग कर सकते हैं.
- उन्हें रेस्तरां में ले जाएं और बातचीत में शामिल करें.
विभिन्न स्थितियों में रहने वाले युवाओं के लिए सुसमाचार को सुनाने के लिए बाइबल में किन आयतों को बांटा जा सकता है?
युवा, जो लोगों से प्यार चाहते हैं. युवा जिन्होंने अपने जीवन में आशा खो दी है.
युवक वे जो आत्मग्लानी में जी रहे हैं.
युवा, जो अपने भविष्य के बारे में सपने देखते हैं.
युवा जो खुद पर भरोषा रखते हैं
हम युवाओं की समस्याओं का बाइबल से हल दे सकते हैं.
एक बेरोजगार व्यक्ति के लिए :- पहले तुम धर्म और राज्य की खोज करो तो बाकी सभी चीजें तुम्हें खोजते हुए आएंगी. (मत्ती 6:33) प्रभु से मांगो तो तुम्हें दिया जाएगा. (मत्ती 7:7)
एक अशांत युवा के लिए :- हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों मेरे पास आओ तो तुम्हें विश्राम दूंगा. (मत्ती 11:28)
निराश युवा व्यक्ति के लिए :- व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने न पाए, इसी में दिन रात ध्यान किये रहना इसलिए की जो कुछ उसमे लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करना. ऐसा करने से तेरे सब काम सफल होंगे और तू प्रभावशाली होगा. (यहोशू 1:8)
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पास्टर राजेश बावरिया (एक प्रेरक मसीही प्रचारक और बाइबल शिक्षक हैं)