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31 हिंदी बाइबल स्टडी नोट्स | 31 Short Powerful Sermons in Hindi

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17. शीर्षक- मसीह के पद चिन्हों पर चलो | हिंदी बाइबल सरमन

“तुम इसी के लिये बुलाए भी गए हो क्योंकि मसीह भी तुम्हारे लिये दुख उठाकर, तुम्हें एक आदर्श दे गया है, कि तुम भी उसके चिन्ह पर चलो।”

1 पतरस 2: 21

हम विश्वास करनेवालों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है कि हम यीशु मसीह के पद चिन्हों पर चलें क्योंकि प्रभु यीशु मसीह ने इस संसार में से हमको चुन लिया है । और हमे अलग किया है और अपना संतान बनाया है कि हम संसार और संसार के बातों के लिए मर कर यीशु मसीह के लिए जीवन बिताएं।

उसके पद चिन्हों पर हम चलें उसके पद चिन्हों पर चलने का मतलब है ।यीशु मसीह का पूरी तरीके से अनुकरण करना और उसके आज्ञाओं का पालन करना। आज बहुत से लोग किसी और के पद चिन्हों पर चलने की कोशिश करते हैं उदाहरण के लिए बहुत से जवान भाई और बहन फिल्म स्टार के हीरो का अनुकरण करते हैं।

उनके जैसा बोलने का, डांस करने का, और उनके जैसे काम करने का कोशिश करते हैं लेकिन यीशु मसीह के पद चिन्हों पर चलने का लोग प्रयास भी नहीं करते ऐसा नहीं होना चाहिए। परंतु हमें यीशु मसीह के पद चिन्हों पर चलना है क्योंकि यीशु मसीह ही हमारे लिए सब कुछ है।

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बपतिस्मा क्या है ?

18. शीर्षक- दो गुने आदर के योग्य।

“जो प्राचीन अच्छा प्रबन्ध करते हैं, विशेष करके वे जो वचन सुनाने और सिखाने में परिश्रम करते हैं, दो गुने आदर के योग्य समझे जाएं।”

1 तीमुथियुस 5: 17

प्रभु के नजरों में हर एक लोग जो वचन सुनाने और सिखाने में परिश्रम करते हैं वे दोगुने आदर के योग्य है। हमें इस बात को ध्यान रखना चाहिए कि जो हमारे प्रचारक भाई और पास्टर हैं जो प्रभु का सेवा करते हैं, वचन को सुनाने और सिखाने में परिश्रम करते हैं । वे सब दोगुने आदर के योग्य हैं ।

इसलिए हमें उनका आदर,सम्मान और उनकी पहुनाई करने में पीछे नहीं हटना चाहिए। अगर हम भी दोगुना आदर चाहते हैं तो आज से प्रभु के वचन को सुनाने और सिखाने में परिश्रम करना चालू कर दें ।

क्योंकि स्वर्ग में इस कार्य का बहुत बड़ा प्रतिफल है । इस पृथ्वी पर आपको आदर तो मिलेगा ही लेकिन स्वर्ग में आप को सम्मानित भी किया जाएगा।

19. शीर्षक- अच्छी औषधि | पवित्र वचन

“मन का आनन्द अच्छी औषधि है, परन्तु मन के टूटने से हडि्डयां सूख जाती हैं।”

नीतिवचन 17: 22

आज मैं आपको परमेश्वर के वचन से अच्छी औषधि के बारे में बताना चाहता हूं । अच्छी औषधि क्या है? मन का आनंद रहना ही अच्छी औषधि है। कहते हैं ना, मन चंगा तो तन चंगा।

आज बहुत से लोग दुखी है, मानसिक तनाव से होकर गुजर रहे हैं। मैं उन सब को कहना चाहता हूं मन का आनंदित रहना बहुत जरूरी है ।

जब हमारा मन आनंदित रहता है तब हम बहुत सी बातों के ऊपर जय को प्राप्त करते है। इसलिए प्रभु में सदा आनंदित रहें। जीवन में जो होगा वह होगा।

परमेश्वर सब कुछ संभाल लेगा । परमेश्वर के वचन ने लिखा है कि एलीशा रोगी हुआ और उसकी मृत्यु हो गई, याकूब बीमार पड़ा और उसकी भी मृत्यु हो गई।

हम सबको इस संसार को छोड़कर जाना है इसलिए जितने दिन की जिंदगी परमेश्वर ने हमें दिया है । आनंदित और मगन होकर परमेश्वर के उपस्थिति में बिताएं।

20. शीर्षक- कल के दिन के विषय में तीन बातें…

“कल के दिन के विषय में डींग मत मार, क्योंकि तू नहीं जानता कि दिन भर में क्या होगा।”

नीतिवचन 27:1

(1) कल के दिन के विषय में हमें होशियारी नहीं करना है और ना ही घमंड करना क्योंकि हम नहीं जानते कि दिन भर में हमारे साथ क्या होगा नूह के समय में अचानक जल प्रलय आया और सभी को नाश कर दिया । अगर वे लोग होशियारी नहीं मारते घमंड नहीं करते नूह का बात मान लीये होते तो वे सब बचा लिए जाते हैं।

(2)कल के दिन के लिए चिंता नहीं करना है। मत्ती 6:34 ने लिखा है,सो कल के लिये चिन्ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है।

(3) कल के भरोसे नहीं रहना है। यीशु मसीह ने कहां जिस ने मुझे भेजा है; हमें उसके काम दिन ही दिन में करना अवश्य है: वह रात आनेवाली है जिस में कोई काम नहीं कर सकता।

इसलिए हमें कल के भरोसे नहीं रहना है और ना ही होशियारी मारना है और ना ही चिंता करना परंतु आज के लिए हमें यीशु मसीह के लिए जीना है।

21. शीर्षक- जब हम तैयार होते हैं… | परमेश्वर का वचन इन हिंदी

“सो वे उसे नाव पर चढ़ा लेने के लिये तैयार हुए और तुरन्त वह नाव के स्थान पर जा पहुंची जहां वह जाते थे।”

यूहन्ना 6: 21

जब हम यीशु मसीह को अपने जीवन रूपी नौका में लाने के लिए तैयार होते हैं, तो प्रभु यीशु मसीह जरूर हमारे नाव में आते हैं । वही हमें पार लगाते हैं ।

मंजिल तक पहुंचाते हैं । जीवन की यात्रा में यीशु मसीह को आमंत्रित करना और उसके साथ चलना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि उसके बिना हर मंजिल और हर काम अधूरा है ।

वह साथ में नहीं है तो कुछ भी संभव नहीं है। इस पद में लिखा है जब चेलों ने प्रभु यीशु मसीह को अपने नाव पर चढ़ाने के लिए तैयार हुए तब यीशु मसीह उनके नाव में आया ।

और जब वह उनके नाव में आया तो वे तुरंत जहां पहुंचना था वे पहुंच गये।

बिना यीशु मसीह को निमंत्रित किए या बुलाए वह हमारे जीवन में, घर में और कार्यक्षेत्र में नहीं आएगा। इसलिए जरूरी है यीशु मसीह को बुलाएं और अपने जीवन के हर क्षेत्र में उसे प्राथमिकता दें।

कोरोना महामारी में एक विश्वासी की भूमिका

22. शीर्षक- आप के द्वारा लोग आशीष पाएंगे | Preaching sermons

“जो तुझे आशीर्वाद दें, उन्हें मैं आशीष दूंगा; और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूंगा; और भूमण्डल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएंगे।”

उत्पत्ति 12: 3

परमेश्वर हमारे द्वारा भी लोगों को आशीष देगा। अगर हमारा जीवन समर्पित है, और हम परमेश्वर और लोगों के प्रति विश्वासयोग्य हैं और परमेश्वर का भय मानते हैं उसकी आज्ञा का पालन करते हैं । उसे अपने जीवन में प्राथमिकता देते हैं ।

उसके पीछे चलते हैं तो निश्चय परमेश्वर हमारे द्वारा हमारे परिवार के लोगों को, चर्च के लोगों को, समाज के लोगों को, शहर के लोगों को आशीष देगा।

परमेश्वर ने अब्राहम से कहा तेरे द्वारा भूमंडल के सारे लोग आशीष पाएंगे। क्यों? क्योंकि परमेश्वर ने जब उसको बुलाया वह अपना सब कुछ छोड़ कर परमेश्वर के पीछे विश्वासयोग्यता के साथ चलने लगा, उसका जीवन समर्पित था वह धर्मी था।

उसने अपने जीवन में परमेश्वर को प्राथमिकता दिया। इसलिए वह पूरे भूमंडल के लोगों के लिए आशीष का कारण बना। यह शब्द powerful है कि तेरे द्वारा भूमंडल के सारे कुल के लोग आशीष पाएंगे। हमारे द्वारा भी लोग आशीषीत होने जा रहे हैं। Amen…

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23. शीर्षक- कोई भारी विपत्ति हम पर ना आ पड़े | Powerful Sermons

“इन बातों के बाद वह यीशु को मन्दिर में मिला, तब उस न उस से कहा, देख, तू तो चंगा हो गया है; फिर से पाप मत करना, ऐसा न हो कि इस से कोई भारी विपत्ति तुझ पर आ पड़े।”

यूहन्ना 5: 14

एक 38 वर्ष के बीमार व्यक्ति को यीशु मसीह चंगा किया और उससे कहा फिर से पाप मत करना अगर तू फिर से पाप करेगा तो इससे भी भयंकर विपत्ति तुझ पर आ पड़ेगी तो फिर बहुत मुश्किल हो जाएगी। सच में हमें इस विषय पर सोचना चाहिए हम पहले कैसे थे और प्रभु ने किन बातों से हमें छुड़ाया, बचाया, चंगाई और आशीष दिया।

अगर हम फिर से उन गलत कामों को करते हैं पुराने स्वभाव में जीवन बिताते हैं तो निश्चय हमारे ऊपर भयंकर विपत्ति आ सकती है जिसका हो सकता है हम सामना भी न कर पाएं । इसलिए जो चंगाई, छुटकारा उद्धार, जीवन और आशीष प्रभु ने दिया है उसमें आप बने रहें ।

उसके अनुसार जीवन बिताएं प्रभु ने पहले से ही हमें चेतावनी दे दिया है वह नहीं चाहता कि कोई भारी विपत्ति हम पर आए और हम नाश हो जाएं इसलिए समय रहते हुए प्रभु में आप बने रहें और सही तरीके से जीवन बिताएं।

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24. शीर्षक- परमेश्वर को प्रगट करना | Inspiring sermons

“परमेश्वर को किसी ने कभी नहीं देखा, एकलौता पुत्रा जो पिता की गोद में हैं, उसी ने उसे प्रगट किया।”

यूहन्ना 1: 18

परमेश्वर को कभी किसी ने नहीं देखा केवल प्रभु यीशु मसीह ने देखा और उसी ने परमेश्वर को लोगो के बीच में प्रगट किया।

अपने बातों के द्वारा अपने कार्यों के द्वारा ,अपने स्वभाव के द्वारा और अपने जीवन के द्वारा। प्रभु के चेलों ने यीशु मसीह से सवाल किया हे प्रभु पिता को हमें दिखा दो यही हमारे लिए बहुत हैं ।

यीशु मसीह ने उनसे कहा मैं इतने दिन से तुम्हारे साथ हूं पर क्या तुम मुझे नहीं जानता जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है । जिसने यीशु मसीह को देखा,जाना और पहचाना है उसने पिता को देख लिया है।

जिस प्रकार से यीशु मसीह ने परमेश्वर को प्रकट किया उसी प्रकार से चेलों ने यीशु मसीह को अपने जीवन से कार्यों से प्रगट किया, यीशु मसीह के बारे में प्रचार किया।

अब समय आ चुका है कि हमें भी अपने जीवन से प्रभु यीशु मसीह को प्रगट करे ताकि लोग जाने हमारा परमेश्वर जिंदा है सच्चा है और सामर्थी है।

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6 thoughts on “31 हिंदी बाइबल स्टडी नोट्स | 31 Short Powerful Sermons in Hindi”

  1. Paster ji masish k padchinhon par chalo..iske vishay me aur gehrayi se likhna hai..mai aapko likh kr bhejungi, apko achha lage toh apne lekh me prakashit kijiyega..

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