दोस्तों आज हम सीखेंगे नरक से कैसे बचें | The Biblical Doctrine of Hell in Hindi इसमें हम नरक से बचने के उपाय सीखेंगे और जानेगे क्या होता है नर्क में. तो आइये शुरू करते हैं.
किसी ने कहा, भाई मैं नरक जाने के लिए क्या करूँ. तो उस परमेश्वर के दास का उत्तर था आप कुछ नहीं करो क्योंकि आप वहीँ जा रहे हैं. नरक जाने के लिए कुछ नहीं करना है क्योंकि मनुष्य स्वभाव से ही पापी है लेकिन यदि हमें स्वर्ग जाना है तो कुछ करना होगा. और वो है विश्वास करना होगा.
नरक का अर्थ
नरक वो स्थान है जहाँ पापी लोग मरने के बाद जाते हैं. मतलब उनकी आत्मा अनन्तकाल के लिए जाती है और वहां रोना दांतों का पीसना और चिल्लाना है क्योंकि वहां की आग कभी बुझती नहीं. बाइबल के अनुसार वहां लगातार की दर्द पीड़ा भूख और प्यास है. (लूका 16:19-31)
वास्तव में नरक मनुष्यों के लिए नहीं बनाया गया था वो तो गिराए हुए दुष्ट अनाज्ञाकारी स्वर्गदूतों के लिए और उस दोष लगाने वाले और घात करने वाले शैतान के लिए बनाया गया था. (मत्ती 25:41)
नरक in English
नरक को अंग्रेजी में Hell कहा जाता है इसके अनेक नाम भी हैं बाइबिल में इसे Gehenna भी कहा गया है. अर्थात ऐसा स्थान जहाँ की आग लगातार जलती रहती है और कभी बुझती नहीं. इसे आग की झील भी कहा गया है, जो दूसरी मृत्यु है. (प्रकाशित वाक्य 20:14)
परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि जो कोई अपने भाई पर क्रोध करेगा, वह कचहरी में दण्ड के योग्य होगा: और जो कोई अपने भाई को निकम्मा कहेगा वह महासभा में दण्ड के योग्य होगा; और जो कोई कहे “अरे मूर्ख” वह नरक की आग के दण्ड के योग्य होगा. (मत्ती 5:22)
नरक कब मिलता है
बाइबिल के अनुसार जो व्यक्ति प्रभु यीशु को अपना मुक्तिदाता मानकर ग्रहण नहीं करता और यह विश्वास नहीं करता कि यीशु मसीह ही उसके लिए मारा गया गाड़ा गया और तीसरे दिन जी उठा और बहुत जल्द बादलों पर अपने विश्वासियों को लेने आने वाला है.
उस समय जब कलीसिया को प्रभु ले जाएगा तब सभी जीवितों और मरे हुओं का न्याय होगा तब उन सभी व्यक्तियों को जिन्होंने अपने पापों को अंगीकार करके पश्चाताप करके यीशु पर विश्वास नहीं किया ऐसे व्यक्ति को नरक अर्थात आग के उस अथाह कुंड में डाला जाता है, इस प्रकार उसे नरक मिलता है.
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4 नरक के नाम
पवित्रशास्त्र बाइबल में नरक के चार नाम पाए जाते हैं
प्रथम नरक का नाम क्या है? GEHENNA (गेहेन्ना) यह शब्द इस्तेमाल हुआ है यह वो अंतिम नरक के लिए, पापियों को जहाँ अनन्तकाल की मृत्यु के लिए डाला जाएगा.
जब प्रभु यीशु ने कहा जो शरीर को घात करते हैं, पर आत्मा को घात नहीं कर सकते, उन से मत डरना; पर उसी से डरो, जो आत्मा और शरीर दोनों को नरक में नाश कर सकता है. (मत्ती 10:28)
दूसरा नाम है HADES (हेदेस) विद्वानों के अनुसार यह वो स्थान है जहाँ अंतिम अंतिम न्याय के पहले या अंतिम नरक के पहले अविश्वासियों को जिन्होंने उद्धार नहीं पाया उनको रखा जाता है.
पुराने नियम में इस नाम का उल्लेख 59 बार किया गया है. लूका रचित सुसमाचार 16:23 में यीशु ने धनी व्यक्ति और लाजर की कहानी जब सुनाई थी तो इसका जिक्र किया था.
तीसरा नाम है SHEOL (शेओल) यह इब्रानी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है अधोलोक, गहरा गड्ढा, रसातल, मरे हुओं का स्थान है. यह नाम पुराने नियम में 66 बार और नए नियम में 31 बार आया है. जैसे… दुष्ट अधोलोक में लौट जाएंगे, तथा वे सब जातियां भी जो परमेश्वर को भूल जाती हैं. (भजन संहिता 9:17)
चौथा नाम है TARTARUS (तर्तारुस) जिसका अर्थ है सबसे गहरा अधोलोक जहाँ वे दुष्ट गिराए हुए स्वर्गदूत बाँध कर अनंतकाल की सजा के लिए डाले जाएंगे.
जैसे क्योंकि जब परमेश्वर ने उन स्वर्गदूतों को जिन्हों ने पाप किया नहीं छोड़ा, पर नरक में भेज कर अन्धेरे कुण्डों में डाल दिया, ताकि न्याय के दिन तक बन्दी रहें. (2 पतरस 2:4)
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नरक में कितने समय तक दुःख सहने पड़ते हैं?
उपरोक्त नामों के और उनके अर्थ के अनुसार अंतिम न्याय के पश्चात जिस अंतिम नरक में पापियों और उद्धार न पाए हुए लोगों को अनन्तकाल के लिए डाला जाएगा.
अनन्तकाल का अर्थ है जिसकी कोई समय सीमा न हो. करोड़ो करोड़ो वर्षों तक. वहां से निकलने का या भाग जाने का कोई रास्ता नहीं. है.
नरक जाने के तीन द्वार कौन से हैं
यह सवाल अपवाहों और गलत शिक्षा के कारण आया है. कई मिथोलोजी में या मनगणन्त कहानियों के कारण लोग यह गलत जानकारी प्राप्त करते हैं.
कि नरक जाने के तीन या चार रास्ते होंगे और जब हम अपने पुरखाओं को खाना खिलाएंगे या कुछ पुन्य काम करेंगे या पंडितों को पैसा देंगे तो शायद हमारे मरे हुए लोग यदि वे नरक में होंगे तो दूसरे द्वार से निकलकर स्वर्ग चले जाएगें ऐसा कुछ भी नहीं है.
आपके किसी नदी में डुबकी लगाने से या चंदा देने से कभी भी कोई नरक से स्वर्ग नहीं जा सकता या स्वर्ग से नरक नहीं जा सकता.
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नरक में गिराने वाले पाप को क्या कहते हैं?
वैसे तो अनेक पाप हैं जो हमें नरक तक ले जा सकते हैं लेकिन सबसे बड़ा पाप है यीशु मसीह का इनकार करना. या जानबूझकर उस पर विश्वास न करना.
प्रभु यीशु ने कहा है, जो मुझे इस संसार में इनकार करेगा मैं भी उसे उस स्वर्ग राज्य में पिता परमेश्वर के के सामने उसका इनकार करूँगा.
परमेश्वर के मन की इच्छा है कि हरेक पापी मन फिराए और नरक न जाए क्योंकि किसी भी अधर्मी के नाश होने से परमेश्वर प्रसन्न नहीं होता.
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नरक जाने के बाद क्या होता है
प्रभु यीशु मसीह ने एक धनवान और लाजर की घटना सुनाई थी. लूका 16 अध्याय में उसके अनुसार हम समझ सकते हैं नरक जाने के बाद धनवान का क्या हुआ.
उसे भयंकर प्यास लगी और वह अब्राहम से विनती करने लगा कि उसे यदि ऊँगली के सिरा में पानी लगाकर उसकी जीभ में स्पर्श करा दिया जाए. (लुका 16:24) मतलब नरक में प्यास से तड़पना है.
नरक में उस धनवान को याद था लाजर के विषय में उसके भाइयों के विषय में और उसके स्वयं के किये गए पापों के विषय में. (लुका 16:25)
अब्राहम ने कहा था स्वर्ग और नरक के बीच एक अलगाव है यहाँ से कोई वहां नहीं जा सकता और न वहां से कोई यहाँ आ सकता है. (लूका 1626)
इसका अर्थ है इस दुनिया में मरे हुए लोगों के लिए आप और मैं कुछ नहीं कर सकते न तो हवन, डुबकी या कोई उपवास प्रार्थना कुछ भी नहीं. यदि कुछ करना है तो जीते जी कर सकते हैं.
वहां बड़ी वेदना है पीड़ा है दर्द है लिखा है उस धनवान ने पीड़ा में पड़े हुए अपनी आँख उठाकर देखा (लूका 16:23) वहां रोना चिल्लाना और दांतों का पीसना है. (मत्ती 8:12)
प्रभु यीशु के द्वारा सुनाई गई वो धनवान और लाजर की घटना नरक के बहुत से भेद को खोलती है. जब उस धनवान ने लाजर को नरक जाकर पानी चटाने की बात की तब अब्राहम ने साफ़ मना कर दिया.
मतलब नरक में कोई दोस्ती यारी नहीं है. वहां कोई किसी की सहायता नहीं करेगा.
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नरक से बचने के लिए क्या करना चाहिए? | नरक से कैसे बचें
नरक से बचने के लिए निम्नलिखित इन कदमों को अवश्य कीजिये जिससे कोई भी व्यक्ति नरक जाने से बच सकता है.
पहला सुसमाचार को सुनना विश्वास सुनने से सुनना मसीह के वचन से होता है. (रोमी 10:17) सुसमाचार अर्थात यीशु मसीह ही स्वर्ग जाने का मतलब पिता परमेश्वर तक जाने का एकमात्र रास्ता है. यीशु मसीह ने कहा मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ. (यूहन्ना 14:6)
दूसरा विश्वास करें कि यीशु मसीह ही परमेश्वर का पुत्र उद्धारकर्ता है. क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है. (रोमियो 6:23) यीशु मसीह पर विश्वास करें.
तीसरा अपने तमाम पापों से क्षमा मांगना है. मतलब पश्चाताप करना है. क्योंकि परमेश्वर-भक्ति का शोक ऐसा पश्चाताप उत्पन्न करता है जिस का परिणाम उद्धार है. (2 कुरु. 7:10)
चौथा है अपने मुंह से अंगीकार करना कि यीशु ही परमेश्वर का पुत्र और उद्धारकर्ता है. क्योंकि धामिर्कता के लिये मन से विश्वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुंह से अंगीकार किया जाता है. (रोमी. 10:10)
पांचवा पानी में पिता पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम में डूबकर बप्तिस्मा लेना है. जो विश्वास करे और बपतिस्मा ले उसी का उद्धार होगा, परन्तु जो विश्वास न करेगा वह दोषी ठहराया जाएगा. (मरकुस 16:16)
लेकिन प्रभु यीशु मसीह के लहू से अपने पापों को धोकर इस दुनिया में जीवित रहते हुए हम उद्धार पा सकते है और उस नरक में जाने से बच सकते हैं.
ऑडियो बाइबल संदेश | Hindi Audio short sermon
Conclusion
नरक से कैसे बचें इस लेख में हमने देखा कि नरक कैसी भयानक जगह है. हम कभी नहीं चाहेंगे कि हमारा कैसा भी दुश्मन भी उस स्थान में जाए. हालाकि शैतान को छोड़कर मसीही लोगों का और कोई दुश्मन नहीं होता है.
लेकिन इस लेख लिखने का एक मात्र उद्देश्य है कि लोग बाइबिल की और जीवन की सच्चाई को जाने और जीवित लोगों से प्रेम करें और सभी स्वर्ग के रास्ते में बढ़ सकें.
उसके लिए परमेश्वर ने अपने एकलौते बेटे को क्रूस पर कुर्बान होने को दे दिया. (यूहन्ना 3:16) क्योंकि सुसमाचार ही सभी जातियों के लिए उद्धार पाने हेतु परमेश्वर की सामर्थ्य है. (रोमियो 1:16) इसलिए सुसमाचार सुनें और पढ़ें और उस पर विश्वास करें.
इसलिए नरक से बचने के लिए अपने जीवन में जीवित रहते ही प्रभु यीशु मसीह को अपना मुक्तिदाता के रूप में स्वीकार करना चाहिए.
अंधे भिखारी की प्रार्थना | Hindi Sermon Outline
आप चाहे तो नीचे दी गई प्रार्थना को कर सकते हैं मतलब विश्वास के साथ दोहरा सकते हैं.
हे पिता परमेश्वर मैं प्रभु यीशु मसीह के नाम से आपके पास आता हूँ.
और अपने जाने अनजाने पापों को स्वीकार करते हुए उनके लिए पश्चाताप करता हूँ. आप मुझे नरक की आग में जाने से बचाएं और मेरे जीवन में उद्धारकर्ता के रूप में आयें.
मैं आपको अपना उद्धारकर्ता मानकर स्वीकार करता हूँ. यीशु मसीह के नाम से आमेन.
यदि आपने यह प्रार्थना दिल की सच्चाई से की है तो अब आप परमेश्वर के राज्य में शामिल हो चुके हैं…और जानकारी के लिए आप मोबाईल एप्प भी डाउनलोड कर सकते हैं. और अपने कमेन्ट नीचे लिख सकते हैं.
इस नए जीवन में आपका स्वागत है. आप एक नई सृष्टि बन गए हैं. अब आप पर दंड की आज्ञा नहीं हैं. (रोमियो 8:1)
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